लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी



महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली है। यह घटना महाराष्ट्र की राजनीति और सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक गंभीर झटका है, जो बढ़ते गैंग वॉर और गिरोह हिंसा का स्पष्ट संकेत देती है। इस हत्या के पीछे का पूरा षड्यंत्र, उसकी योजना और गैंग की संलिप्तता की कहानी बेहद चौंकाने वाली है।



हत्या की घटना

बाबा सिद्दीकी की हत्या 9 अक्टूबर को मुंबई के बांद्रा ईस्ट में उनके बेटे जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर हुई। रात करीब 9:30 बजे जब सिद्दीकी अपने सहयोगी के साथ कार्यालय के बाहर थे, तभी अचानक तीन शूटरों ने उन पर गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। हमलावरों ने कई राउंड फायर किए, जिनमें से कुछ गोलियां सीधा सिद्दीकी के सीने पर लगीं, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

पुलिस के अनुसार, हत्या के पीछे पूरी योजना महीनों से बनाई जा रही थी। संदिग्धों ने पहले सिद्दीकी की गतिविधियों पर नज़र रखी, उनके घर और कार्यालय के आस-पास कई बार रेकी की, और सही मौके की तलाश में थे।



गिरफ्तार हुए शूटर और उनकी पहचान

इस हत्या के मामले में शामिल तीन शूटरों में से दो को गिरफ्तार कर लिया गया है।

  1. गुरमेल बलजीत सिंह (23) - हरियाणा के निवासी।
  2. धर्मराज कश्यप (19) - उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के निवासी।

तीसरे शूटर की पहचान शिव कुमार गौतम के रूप में की गई है, जो धर्मराज कश्यप का पड़ोसी है और वर्तमान में फरार है। शिव कुमार गौतम भी बहराइच का रहने वाला है, और दोनों पहले पुणे में मजदूरी का काम करते थे। यह भी सामने आया है कि दोनों को अपराध की दुनिया में एक साथ खींचा गया था, और वे बिश्नोई गिरोह से जुड़े। चौथा व्यक्ति, जिसे 'हैंडलर' माना जा रहा है, भी फरार है, और पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।



हत्या की जिम्मेदारी: बिश्नोई गिरोह का दावा

हत्या के कुछ घंटों बाद, कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए हत्या की जिम्मेदारी का दावा किया गया, जिसे केंद्रीय एजेंसियां अब जांच कर रही हैं। यह पोस्ट एक फेसबुक अकाउंट से किया गया, जो शिबू लोनकर नाम से चलता है। सूत्रों का मानना है कि यह असल में शुबम रमेश्वर लोनकर का अकाउंट है, जिसे पुलिस ने इस साल की शुरुआत में अवैध हथियार रखने के आरोप में महाराष्ट्र के अकोला से गिरफ्तार किया था।

शुबम लोनकर का बिश्नोई गिरोह से गहरा संबंध बताया जाता है, और पूछताछ में उसने यह भी स्वीकार किया कि उसने लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई के साथ वीडियो कॉल पर बातचीत की थी। इस खुलासे से यह साफ होता है कि शुबम और बिश्नोई गिरोह के बीच सीधा संपर्क था।



अपराध में शामिल शूटरों की पृष्ठभूमि

दो गिरफ्तार शूटर, धर्मराज कश्यप और शिव कुमार गौतम, उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के निवासी हैं। ये दोनों पड़ोसी थे और पुणे में मजदूरी का काम करते थे। इनके खिलाफ बहराइच में कोई पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था, लेकिन सूत्रों के अनुसार, इन दोनों ने पंजाब की एक जेल में रहते हुए अपराध की दुनिया में कदम रखा।

बहराइच की एसपी वृंदा शुक्ला ने पुष्टि की है कि धर्मराज को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि शिव कुमार फरार है। दोनों को इस अपराध के लिए 50,000 रुपये की अग्रिम राशि दी गई थी और हत्या के लिए हथियार केवल कुछ दिन पहले ही प्राप्त हुए थे।



लॉरेंस बिश्नोई गिरोह की बढ़ती ताकत

लॉरेंस बिश्नोई का नाम भारतीय आपराधिक इतिहास में एक बड़े गैंगस्टर के रूप में उभर रहा है। यह गिरोह अब कई राज्यों में सक्रिय है और इसके तार कई संगठित अपराधों से जुड़े हुए हैं। बिश्नोई और उसके सहयोगियों ने पहले भी हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों को निशाना बनाया है।

इस गिरोह के कारण कई फिल्मी सितारे, खासकर सलमान खान, खतरे में रहे हैं। सलमान खान को पहले भी बिश्नोई गैंग से धमकियां मिली हैं।



सलमान खान की सुरक्षा कड़ी

बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद, मुंबई पुलिस ने सलमान खान के घर की सुरक्षा बढ़ा दी है। यह सुरक्षा इसलिए बढ़ाई गई है क्योंकि अप्रैल 2024 में सलमान खान के बांद्रा स्थित घर के बाहर गोलीबारी की घटना घटी थी।

उस गोलीबारी के पीछे भी बिश्नोई गिरोह का हाथ था। दो मोटरसाइकिल सवार आरोपियों ने सलमान खान के घर के बाहर गोलियां चलाई थीं, और उनके खिलाफ हत्या की साजिश का आरोप लगा था। यह साजिश अगस्त 2023 से अप्रैल 2024 के बीच रची गई थी, जिसमें सलमान खान की हत्या के लिए 25 लाख रुपये का कॉन्ट्रैक्ट जारी किया गया था।



राजनीतिक हलकों में आक्रोश

बाबा सिद्दीकी की हत्या ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है। सभी राजनीतिक दलों ने इस हत्या की कड़ी निंदा की है और सिद्दीकी के परिवार को सांत्वना दी है।

सिद्दीकी की लोकप्रियता केवल उनकी पार्टी तक सीमित नहीं थी। वे विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ अच्छे संबंध रखते थे, और यही कारण है कि उनकी हत्या की घटना पर राजनीतिक स्पेक्ट्रम से व्यापक निंदा हो रही है।



निष्कर्ष: महाराष्ट्र की कानून व्यवस्था पर सवाल

बाबा सिद्दीकी की हत्या केवल एक राजनीतिक हत्या नहीं है, बल्कि यह महाराष्ट्र में गिरोह हिंसा और संगठित अपराध की बढ़ती समस्या का प्रतीक है। लॉरेंस बिश्नोई जैसे गिरोहों की गतिविधियां और उनकी बढ़ती ताकत कानून व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा बन रही हैं।

इस मामले की जांच अब केंद्रीय एजेंसियों और मुंबई पुलिस द्वारा की जा रही है, और यह उम्मीद की जा रही है कि सभी अपराधियों को जल्द ही पकड़कर न्याय दिलाया जाएगा।



यह ब्लॉग पोस्ट आपको लॉरेंस बिश्नोई गिरोह की खतरनाक गतिविधियों और महाराष्ट्र की राजनीति में हो रहे संगठित अपराध की गहराई से जानकारी प्रदान करती है। इस घटना ने न केवल राज्य में सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि आम जनता के बीच भी डर और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है।

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